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फिर कभी ये खता नहीं करना

फिर कभी ये खता नहीं करना 
सबसे हंसकर मिला नहीं करना 

तुम मेरे वास्ते कभी ऐ दोस्त 
ज़िन्दगी की दुआ नहीं करना 

दर व दीवार रुलाते हैं 
घर में तन्हां रहा नहीं करना 

दिल की तस्वीर खत में रख देना 
बात दिल की लिखा नहीं करना 

मैं हूँ इंसा बेहक भी सकता हूँ 
मुझे तनहा मिला नहीं करना 

अपनी हद में रहा करो फिरदोस 
हद से आगे बढ़ा नहीं करना